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जन्मकुंडली बनवाने अथवा किसी भी समस्या के ज्योतिषीय परामर्श हेतु अपना विवरण भरें -

जन्मकुंडली बनवाने अथवा किसी भी समस्या के ज्योतिषीय परामर्श हेतु विवरण भरें

किस वस्तु से रुद्राभिषेक करने पर क्या फल मिलता है ?

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किस वस्तु से रुद्राभिषेक करने पर क्या फल मिलता है ? पौष्टिक कर्म - लक्ष्मी प्राप्ति के लिए - इक्षु रस अर्थात् गन्ने के रस से  धन में वृद्धि के लिए - मधु अथवा घृत से। आरोग्य वृद्धि हेतु - घी से  आयु वृद्धि हेतु - गोदुग्ध से शिवाभिषेक करना चाहिए। काम्य - मोक्ष की कामना हो तो - तीर्थोदक से  पुत्र प्राप्ति की कामना हो तो - दूध से अथवा शर्करायुक्त जल से  शत्रु नाश हेतु - सरसो के तेल से  पाप क्षय की कामना हो तो - मधु से  अन्य कोई मनोकामना पूर्ति हेतु - दूध से शिवाभिषेक करना चाहिए। शान्ति कर्म में शिवाभिषेक -  रोग की शान्ति के लिए - कुशोदक से  ज्वर के प्रकोप से शान्ति हेतु - जल से  यक्ष्मा रोग के शमन हेतु - मधु से  प्रमेह रोग की शान्ति हेतु - केवल दूध से  बुद्धि की जड़ता (हिताहित विवेक का अभाव) का नाश करने हेतु - शर्करा मिश्रित दूध से शिवाभिषेक करना चाहिए।

सज्जन कौन होता है?

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सज्जन कौन होता है -  पद्मपुराण में कहा गया है कि -  जो अपने कुल सम्मत परन्तु वेद सम्मत आचार विचार का पालन करने वाले हों । शास्त्रों में जिन्हें पाप कहा गया है, उन कार्यों के करने की सोचते भी न हों तो ऐसे व्यक्ति सज्जन कहलाते हैं। निजाचारग्राहिणो ये कुर्वन्ति वेदसम्मतम् । पापाभिलाषरहिताः सज्जनास्ते प्रकीर्त्तिताः ।।  विवाह हेतु कन्या के लिए सज्जन पुरुष (साजन) का वरण - पहले के समय विवाह संस्कार से पूर्व कन्या या कन्या के बन्धु जन ऐसे ही सज्जन एवं कुलीन वर पुरुष का वरण करते थे।  मेरी समझ से इसी कारण विवाह के लिए वृणीत पुरुष को साजन (जो सज्जन का ही विकृत रूप हुआ लगता है।) कहा गया।  आज के समय चकाचौंध से व्याकुल एवं सद्दृष्टि रहित कन्या या कन्या के बन्धु जन, कुलाचार एवं धर्माचरण से रहित व्यक्ति को ही साजन/सज्जन प्रदर्शित करने में लगे हैं।  अब बताइए जहां धर्म को ही सुख का मार्ग बताया गया है, वहां यदि धर्म रहित पुरुष / स्त्री के साथ रहकर सुख की कामना करना कितनी मुर्खतापूर्ण बात लगती है।  टिप्पनी - यहां कथित धर्म शब्द का अभिप्राय सम्प्रदाय नहीं है।...

शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र

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नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय  भस्माङ्गरागाय महेश्वराय  नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय  तस्मै नकाराय नमः शिवाय।। मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय  नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नमः शिवाय।। शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द- सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय । श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय  तस्मै शिकाराय नमः शिवाय।। वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य- मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय  चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय  तस्मै वकाराय नमः शिवाय।।  यक्षस्वरूपाय जटाधराय  पिनाकहस्ताय त्रिलोचनाय  दिव्याय देवाय दिगम्बराय  तस्मै यकाराय नमः शिवाय।। पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ । शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ।।

साप्ताहिक राशिफल (26 जनवरी 2025 से 01 फरवरी 2025)

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साप्ताहिकं राशिफलम् (26 JAN 2025 - 01 FEB 2025) मेषराशिः –  मेष राशि वालों को इस सप्ताह के आरम्भ में मानसिक उद्वेग की स्थिति बनेगी जिसके कारण बन्धु बान्धवों के साथ कलह की सम्भावना रहेगी । उदर विकार की सम्भावना भी रहेगी । शारीरिक मानसिक थकान का अनुभव करेंगे ।  कार्य क्षेत्र में सक्रिय सहयोग रहेगा, जिससे अधिकारी गण प्रसन्न रहेंगे तथा ख्याति मिलेगी । सप्ताहान्त में मित्रों के साथ किसी सुखद आयोजन का आनन्द मिल सकता है ।  वृषराशिः –  किसी अपेक्षित कार्य में सफलता मिलेगी । सन्तान सुख मिलेगा । आकस्मिक रोग से पीडा सम्भव है । राजदण्ड के कारण अथवा चोर लुटेरों के कारण क्षति सम्भव है अतः इस सन्दर्भ में सावधान रहने की आवश्यकता है । बुद्धिमत्ता पूर्वक किये गये कार्य सफल होंगे । विरोधी परास्त होंगे । सप्ताहान्त में दाम्पत्य जीवन अच्छा रहेगा तथा प्रेम प्रसङ्ग मधुर होंगे ।  मिथुनराशिः –  मिथुन राशि वालों कों सप्ताह के आरम्भ में उत्तम भोजन का लाभ प्राप्त होगा, कदाचित् धनलाभ भी सम्भव है । दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा । परन्तु पूरे ...

साप्ताहिक राशिफल (19 जनवरी से 25 जनवरी 2025)

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साप्ताहिक राशिफल (19 जनवरी से 25 जनवरी 2025) मेषराशिः 🐏 –  मेष राशि वालों को अभीष्ट परन्तु बहुत दिनों से विलम्बित कार्य में सफलता मिलेगी है । धनलाभ के योग बन रहे हैं, मुकदमे आदि में विजय होगी तथा  शत्रु कमजोर होंगे ।  पहले से चले आ रहे रोग से छुटकारा मिलेगा, फिर भी आहार विहार में सावधान रहना चाहिये । सप्ताह के अन्त में अकारण भय की स्थिति बन सकती है ।  कार्य में अकारण विघ्न के निवारण हेतु भगवान् गणपति को दूर्वा चढाना चाहिये, गणेश जी को मोदक का भोग लगायें । किसी पुराने सुहृत् का दर्शन या योग-क्षेम सम्बन्धिनी चर्चा हो सकती है ।  जन्मकुंडली बनवाने अथवा व्यक्तिगत फलादेश हेतु अपना विवरण भरें वृषराशिः 🐂 –  धनप्राप्ति सम्बन्धी प्रयासों में विघ्न आ सकता है, रोगकी भी सम्भावना बन सकती है ।  दैन्य की स्थिति बनेगी, व्यापार में मन्दी या नये कार्य में विघ्न की सम्भावना बनेगी । सप्ताहान्त में यात्रा तथा रुके हुए कार्य बनेंगे, उत्तम आहार की प्राप्ति हो सकती है । धन हानि की सम्भावना बनेगी तथा कार्यक्षेत्र में कार्य की अधिकता रहेगी ।...

जन्माङ्ग चक्र में विद्यमान ग्रहों के शुभफलों को बढाने एवम् अशुभफलों के निवारण हेतु कुछ सरल परन्तु आवश्यक उपाय -

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 सूर्य सम्बन्धी दोष के निवारण एवं उसके शुभफल की प्राप्ति हेतु – माता-पिता का नित्य अभिवादन करें एव उनका आशीर्वाद प्राप्त करें । प्रतिदिन सूर्यार्घ्यं दे । नित्य सूर्योदय कालीन सूर्यातप का सेवन (Sun bath) करें ।   चन्द्रमा सम्बन्धी दोष के निवारण एवं उसके शुभफल की प्राप्ति हेतु – रात में चन्द्रोदय के बाद एकघण्टा बाहर चन्द्रमा के प्रकाश का सेवन (चन्द्रिकासेवन) करें । प्रतिदिन गोदुग्ध का पान करें । धवलवस्तुओं का उपयोग करें । माता की आज्ञा का पालन करें ।   मङ्गल सम्बन्धी दोष के निवारण एवं उसके शुभफल की प्राप्ति हेतु – उष्णपदार्थो तथा शरीर में उष्णता उत्पन्न करने वाले पदार्थों का सेवन न करें । मधुर एवं घृतयुक्त पदार्थों का सेवन करें । लालमुह वाले बन्दरों अथवा लाल रंग के कुत्तों को मीठा भोजन खिलायें । अधिक रात्रि तक जागरण करने से बचें ।  बुध सम्बन्धी दोष के निवारण एवं उसके शुभफल की प्राप्ति हेतु – प्रातः सायं समयानुसारं हरी घास पर भ्रमण करें । घर पर भी पत्तियों वाले पौधे लगायें । एक गमले में दूब लगायें एवं प्रतिदिन गणेश जी को चढाये । विशेषयात्रा के समय गणेश...