सज्जन कौन होता है?
सज्जन कौन होता है -
पद्मपुराण में कहा गया है कि -
जो अपने कुल सम्मत परन्तु वेद सम्मत आचार विचार का पालन करने वाले हों । शास्त्रों में जिन्हें पाप कहा गया है, उन कार्यों के करने की सोचते भी न हों तो ऐसे व्यक्ति सज्जन कहलाते हैं।
निजाचारग्राहिणो ये कुर्वन्ति वेदसम्मतम् । पापाभिलाषरहिताः सज्जनास्ते प्रकीर्त्तिताः ।।
विवाह हेतु कन्या के लिए सज्जन पुरुष (साजन) का वरण -
पहले के समय विवाह संस्कार से पूर्व कन्या या कन्या के बन्धु जन ऐसे ही सज्जन एवं कुलीन वर पुरुष का वरण करते थे।
मेरी समझ से इसी कारण विवाह के लिए वृणीत पुरुष को साजन (जो सज्जन का ही विकृत रूप हुआ लगता है।) कहा गया।
आज के समय चकाचौंध से व्याकुल एवं सद्दृष्टि रहित कन्या या कन्या के बन्धु जन, कुलाचार एवं धर्माचरण से रहित व्यक्ति को ही साजन/सज्जन प्रदर्शित करने में लगे हैं।
अब बताइए जहां धर्म को ही सुख का मार्ग बताया गया है, वहां यदि धर्म रहित पुरुष / स्त्री के साथ रहकर सुख की कामना करना कितनी मुर्खतापूर्ण बात लगती है।
टिप्पनी - यहां कथित धर्म शब्द का अभिप्राय सम्प्रदाय नहीं है। किसी भी सम्प्रदाय का व्यक्ति धार्मिक या अधार्मिक हो सकता है।
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